दोस्तों जैसा कि सभी को मालूम है कि हिंदू धर्म में करोड़ों देवी देवताएं हैं, उनमें से एक है गायत्री देवी, और हिंदू धर्म के अनुसार गायत्री देवी की पूजा करना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है, कहा जाता है कि उनकी पूजा करने से हमें बहुत ज्यादा सौभाग्य की प्राप्ति होती है, इनकी पूजा करने के लिए हम उनकी आरती और मंत्रों का जाप करते हैं, और उनके मंत्र यानी कि गायत्री मंत्र को बहुत ही ज्यादा सर्वश्रेष्ठ मंत्र माना जाता है, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको गायत्री देवी, गायत्री चालीसा और गायत्री मंत्र के बारे में ही बताने वाले हैं, आज हम आपको बताएंगे कि गायत्री देवी कौन है, और गायत्री मंत्र क्या है? तो ये सब जानने के लिए हमारे इस आर्टिकल को आखिरी तक जरूर पढ़ें, तो चलिए आगे बढ़ते हैं और शुरू करते हैं।
गायत्री माता कौन है?
अगर बात करें गायत्री माता कौन है, तो हम आपको बता दें कि गायत्री माता एक हिंदू देवी है, जिन्हें की माता सरस्वती, माता लक्ष्मी और माता पार्वती का अवतार माना जाता है। इतना ही नहीं इन्हें ब्रह्मा जी की दूसरी पत्नी भी माना जाता है। इसलिए इनका दर्जा हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा ऊपर है। कहां जाता है कि हमारे हिंदू धर्म के चार वेद सभी शास्त्र और श्रुतियां सभी का जन्म गायत्री माता से ही हुआ है, इसलिए इन्हें वेद माता भी कहा जाता है। वेद माता के साथ इन्हें देवमाता के नाम से भी पुकारा जाता है, समस्त ज्ञान की देवी होने के कारण गायत्री माता को ज्ञान गंगा के नाम से भी पुकारा जाता है, यानी की कुल मिलाकर कहां जाए तो गायत्री माता का महत्व हिंदू धर्म में बहुत ही अधिक है।
रोज गायत्री मंत्र करने से क्या होता है?
तो दोस्तों ऊपर तो आपने जान ही लिया है कि आखिर गायत्री माता कौन है। तो अब बात आती है कि गायत्री मंत्र को अगर रोज किया जाए तो उससे हमें क्या फायदा होगा, तो हम आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति रोज गायत्री मंत्र का जाप करता है, तो उसे बहुत ही ज्यादा सौभाग्य की प्राप्ति होती है, रोज गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, और उसके मन से पाप, द्वेष और दरिद्रता हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कहां जाता है कि अगर दिन में तीन बार गायत्री मंत्र का जाप किया जाए, तो सभी नकारात्मक ऊर्जा जैसे की पाप, ईर्ष्या, द्वेष, बुराई व्यक्ति से दूर हो जाती है, और व्यक्ति पूर्ण रूप से सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में आ जाता है। इसलिए आपको भी रोज गायत्री मंत्र का पाठ हो सके तो रोज 3 बार करना चाहिए।
गायत्री माता का विवाह ब्रह्मा जी से कैसे हुआ?
जैसा कि हमने आपको बताया कि गायत्री माता को ब्रह्मा जी की दूसरी पत्नी का दर्जा प्राप्त है, इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि एक बार ब्रह्मदेव यज्ञ करने जा रहे थे, लेकिन वह अपनी पत्नी के बिना यज्ञ में शामिल नहीं हो सकते थे, क्योंकि पत्नी के बिना यज्ञ में बैठने से यज्ञ का पूरा फल नहीं मिल सकता था, और किसी कारणवश उनकी पहली पत्नी यानि की सावित्री यज्ञ के स्थान पर मौजूद नहीं थी। जिसकी वजह से यज्ञ में शामिल होने के लिए ब्रह्मा जी ने वहां मौजूद गायत्री माता से ही विवाह कर लिया, इस प्रकार से गायत्री माता को ब्रह्मदेव की दूसरी पत्नी का दर्जा प्राप्त हुआ।
Conclusion
तो दोस्तों उम्मीद है कि अब आपको यह पता चल गया होगा कि गायत्री माता कौन है, और रोज गायत्री मंत्र का पाठ करने से आपको क्या फायदा होता है। तो अब जब आपको इसके फायदे के बारे में पता चल ही गया है, तो आप भी आज से ही गायत्री मंत्र का पाठ करना शुरू कर दीजिए, ताकि आपसे भी गायत्री माता प्रसन्न हो, और आपको भी उनकी कृपा मिल सके।