तो दोस्तों कैसे हैं आप लोग स्वागत है आपका आज के हमारे आर्टिकल में, तो दोस्तों आप दिवाली के दिन अपने घर में गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा तो करते ही होंगे। लेकिन हम आपको बता दें कि इस दिन एक और देवी की पूजा की जाती है जो की है शारदा माता। तो क्या आप भी लक्ष्मी पूजा वाले दिन शारदा माता की पूजा करते हैं? अगर नहीं तो आज के इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आप भी शारदा माता की पूजा आराधना करने लगेंगे, क्योंकि आज के आर्टिकल में हम आपको शारदा माता कथा और शारदा माता के बारे में पूरी जानकारी देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।
शारदा माता कौन है?
असल में शारदा माता मां सरस्वती का ही रूप है, इन्हें और कई अन्य नामों से जाना जाता है, जैसे कि इन्हें वाग्देवी, भगवती, वीणावादिनी आदि कई नामों से जाना जाता है। जैसे कि सरस्वती माता को ज्ञान की देवी के स्वरूप पूजा जाता है, उसी प्रकार शारदा माता को भी ज्ञान की देवी के स्वरूप ही पूजा जाता है। तो ऐसे में अगर आप लक्ष्मी पूजा के दिन शारदा माता की पूजा करते हैं, और इसी के साथ शारदा माता की कथा का पाठ करते हैं, तो इससे आपको बहुत ही ज्यादा सौभाग्य की प्राप्ति होती है, और आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। इसलिए शारदा माता की पूजा करते समय Sharda Chalisa का पाठ करना ना भूले।
शारदा माता कथा क्या है?
दोस्तों अगर बात करें शारदा माता की कथा में ऐसा क्या है जो हमें इसका पाठ करने से इतनी ज्यादा सौभाग्य की प्राप्ति होती है, तो हम आपको बता दें कि शारदा माता कथा शारदा माता की उत्पत्ति की कथा है। वैसे तो शारदा माता को लेकर कई पौराणिक कथा मौजूद है, जिसके अनुसार हमें शारदा माता की उत्पत्ति के पीछे अलग-अलग कहानियों के बारे में पता चलता है। एक कहानी से हमें पता चलता है की शारदा माता की उत्पत्ति दुर्गा माता के माध्यम से हुई थी, अर्थात दुर्गा माता ने ही शारदा माता को उत्पन्न किया था, एक और दूसरी कथा से हमें यह पता चलता है कि स्वयं ब्रह्मा जी नहीं अपने कमंडल के जल से सरस्वती जी के रूप में शारदा माता को उत्पन्न किया था। तो अगर आप भी पूरी कथाओं को पढ़कर इसका पाठ करना चाहते हैं, तो आप गूगल में शारदा माता कथा इन हिंदी सर्च करके आसानी से इन कथाओं को पढ़ सकते है।
शारदा माता की पूजा कैसे करें?
1: जैसा कि हमने आपको बताया कि शारदा माता की पूजा दिवाली के दिन लक्ष्मी जी और गणेश जी के साथ की जाती है, तो इसके लिए आप एक चौकी के ऊपर सफेद रंग का वस्त्र बिछाकर उसमें गणेश जी, माता सरस्वती और शारदा जी की तस्वीर स्थापित कर दें।
2: आप चाहे तो तस्वीर के साथ सरस्वती यंत्र भी स्थापित कर सकते हैं, इसके बाद आपको सबसे पहले गणेश जी की पूर्ण विधि के अनुसार पूजा करनी है।
3: गणेश जी की पूजा करने के बाद आप माता शारदा की पूजा करें, इसके लिए माता शारदा को फूल और चंदन अर्पित करें।
4: इतना करने के बाद माता शारदा की कथा का पाठ करे, जिसके बारे में हमने ऊपर आपको बताया है, उसके बाद धूपबत्ती से माता की आरती करें।
5: इसके बाद आप मात को भोग लगाए और माता से मनोकामना मांगे।
Conclusion
दोस्तों आज हमने आपको शारदा माता की कथा के बारे में पूरी जानकारी दी है, हमने आपको शारदा माता की पूजा विधि के बारे में भी बताया है। तो अगर अभी तक आप शारदा माता की पूजा नहीं करते थे, तो आप हमारे द्वारा बताए गए इस पूजा विधि से आसानी से घर में शारदा माता की पूजा लक्ष्मी जी और गणेश जी के पूजा के साथ कर सकते है और माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है।